AI कितने प्रकार के होते हैं?
इनमें एडवांस्ड सर्टिफिकेशन प्रोग्राम इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, मास्टर और मशीन लर्निंग, मशीन लर्निंग फॉर बिज़नेस प्रोफेशनल, गूगल क्लाउड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स ऑनलाइन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसइंजिनियर मास्टर प्रोग्राम, बी टेक इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विथ AI, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन मशीन .
AI के पिता कौन है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक जॉन मैकार्थी को माना जाता है। जॉन मैकार्थी एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" शब्द उनके द्वारा दिया गया था।.
AI क्या है समझाइए in Hindi?
सरलतम शब्दों में कहें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है और इसमें एक ऐसा दिमाग बनाया जाता है, जिसमें कंप्यूटर सोच सके कंप्यूटर का ऐसा दिमाग, जो इंसानों की तरह सोच सके।.
AI में कितने कोर्स होते हैं?
इनमें एडवांस्ड सर्टिफिकेशन प्रोग्राम इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, मास्टर और मशीन लर्निंग, मशीन लर्निंग फॉर बिज़नेस प्रोफेशनल, गूगल क्लाउड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स ऑनलाइन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसइंजिनियर मास्टर प्रोग्राम, बी टेक इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विथ AI, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन मशीन .
AI में कितने कोर्स होते हैं?
स्पष्टीकरण: विकल्प 1: सिंपल रिफ्लेक्स एजेंट वर्तमान धारणा के आधार पर कार्य करता है और अवधारणा इतिहास की उपेक्षा करता है यानी एक एजेंट ने अब तक के सभी इतिहास को देखा है। विकल्प 2: मॉडल-आधारित एजेंटों के पास एक मॉडल होता है यानी पूरी दुनिया में चीजें कैसे होती हैं और मॉडल के आधार पर यह कार्य करता है।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कैसे करें?
धरती पर इंसान को सबसे बुद्धिमान माना जाता है। यानी इंसानी बुद्धि किसी भी टास्क को परफोर्म कर सकती है। वहीं जब मशीन किसी इंसानी काम को इंसानो की तरह सोच-समझ कर करने लगे तो वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहलाती है। साल 1950 में किसी मशीन को इसी परिभाषा के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस माना जाता था।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक कौन है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी हैं। जॉन मैकार्थी (4 सितंबर, 1927 - 24 अक्टूबर, 2011) एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और संज्ञानात्मक वैज्ञानिक थे। मैकार्थी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अध्ययन विषय के संस्थापकों में से एक थे।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की खोज कब हुई थी?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्या फायदे हैं?
जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसे कंप्यूटर प्रोग्रामों के लिये इस्तेमाल किया जाता है, जो उन समस्याओं को हल करने की कोशिश करता है, जिसे मनुष्य आसानी से कर सकते हैं, जैसे किसी फ़ोटो को देखकर उसके बारे में बताना।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है Drishti?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह इंटेलिजेंस तरीके से सोचने वाला सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है। यह इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है Drishti?
कृत्रिम बुद्धि (प्रज्ञाकल्प, कृत्रिमप्रज्ञा, कृतकधी) का अर् संगणक में अर्पित बुद्धि है। मानव सोचने-विश्लेषण करने व याद रखने का काम भी अपने दिमाग के स्थान पर यन्त्र कम्प्यूटर से कराना चाहता है। कृत्रिम बुद्धि, कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो मशीनों और सॉफ्टवेयर को बुद्धि के साथ विकसित करता है।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है Drishti?
क्या है AI ? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जो कंप्यूटर के इंसानों की तरह व्यवहार करने की धारणा पर आधारित है। इसके जनक जॉन मैकार्थी हैं। यह मशीनों की सोचने, समझने, सीखने, समस्या हल करने और निर्णय लेने जैसी संज्ञानात्मक कार्यों को करने की क्षमता को सूचित करता है।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है उदाहरण सहित?
कृत्रिम बुद्धि (प्रज्ञाकल्प, कृत्रिमप्रज्ञा, कृतकधी) का अर् संगणक में अर्पित बुद्धि है। मानव सोचने-विश्लेषण करने व याद रखने का काम भी अपने दिमाग के स्थान पर यन्त्र कम्प्यूटर से कराना चाहता है। कृत्रिम बुद्धि, कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो मशीनों और सॉफ्टवेयर को बुद्धि के साथ विकसित करता है।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है उदाहरण सहित?
धरती पर इंसान को सबसे बुद्धिमान माना जाता है। यानी इंसानी बुद्धि किसी भी टास्क को परफोर्म कर सकती है। वहीं जब मशीन किसी इंसानी काम को इंसानो की तरह सोच-समझ कर करने लगे तो वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहलाती है। साल 1950 में किसी मशीन को इसी परिभाषा के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस माना जाता था।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कितने प्रकार के एजेंट होते हैं * A 1 B 2 C 3 D 4?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक जॉन मैकार्थी को माना जाता है। जॉन मैकार्थी एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" शब्द उनके द्वारा दिया गया था।.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सबसे ज्यादा सैलरी क्या है?
दूसरी ब्रांचों से ज्यादा सैलरी
उद्योग, डिजाइनिंग, स्पेस, इंजीनियरिंग, मेडिकल सभी जगह एआई का व्यापक इस्तेमाल होगा. एआई में पढ़ाई करने के बाद शुरुआती पैकेज 70 हजार से एक लाख रुपये महीने तक हो सकता है, वहीं पांच से दस साल के अनुभव के बाद यह हर महीने करीब चार से पांच लाख रुपये तक पहुंच सकता है..
क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया के लिए खतरा है?
हाल के दिनों में AI का इस्तेमाल बढ़ा है और कहा जा रहा है कि भविष्य में इसके द्वारा उन सभी कार्यों को किया जा सकेगा जो एक इंसान करता है। इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।.
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह इंटेलिजेंस तरीके से सोचने वाला सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है। यह इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक जॉन मैकार्थी को माना जाता है। जॉन मैकार्थी एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" शब्द उनके द्वारा दिया गया था।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हम Short From में AI कहते हैं इसका हिंदी में अर्थ कृत्रिम बुद्धिमत्ता होता हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक ऐसी तकनीक है जो इंसान द्वारा तैयार किए गए प्रक्रिया को पूरी तरह से पालन करता है इसमें किसी प्रकार की Mistake होने की Chances नहीं होते हैं। इसके तीन प्रकार होते है।।
- इसमें मुख्य रूप से 5 क्रमबद्ध चरण हैं जो संपूर्ण विकास को विशिष्ट और स्पष्ट चरणों में वितरित करते हैं: ये समस्या स्कोपिंग, डेटा अधिग्रहण, डेटा अन्वेषण, मॉडलिंग और मूल्यांकन हैं।
- एआई से गलत सूचना पैदा कर समाज में अस्थिरता लाई जा सकती है. इसका एक बड़ा खतरा है कि इससे सामूहिक निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो सकती है. एक खतरा ये भी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ताकत दुनिया के चुनिंदा लोगों तक ही सीमित रह जाए.
- कृत्रिम बुद्धि (प्रज्ञाकल्प, कृत्रिमप्रज्ञा, कृतकधी) का अर् संगणक में अर्पित बुद्धि है। मानव सोचने-विश्लेषण करने व याद रखने का काम भी अपने दिमाग के स्थान पर यन्त्र कम्प्यूटर से कराना चाहता है। कृत्रिम बुद्धि, कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो मशीनों और सॉफ्टवेयर को बुद्धि के साथ विकसित करता है।
- कृत्रिम बुद्धिमता की सहायता से मशीनों को ऐसे जटिल एवं तनावपूर्ण कार्य करने में सक्षम बनाया जा सकता है, जो प्रायः मनुष्य द्वारा किए जाते हैं कृत्रिम बुद्धि युक्त मशीनों के द्वारा ऐसे सभी कार्य को किया जा सकता है
- क्या है AI ? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जो कंप्यूटर के इंसानों की तरह व्यवहार करने की धारणा पर आधारित है। इसके जनक जॉन मैकार्थी हैं। यह मशीनों की सोचने, समझने, सीखने, समस्या हल करने और निर्णय लेने जैसी संज्ञानात्मक कार्यों को करने की क्षमता को सूचित करता है।
- धरती पर इंसान को सबसे बुद्धिमान माना जाता है। यानी इंसानी बुद्धि किसी भी टास्क को परफोर्म कर सकती है। वहीं जब मशीन किसी इंसानी काम को इंसानो की तरह सोच-समझ कर करने लगे तो वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहलाती है। साल 1950 में किसी मशीन को इसी परिभाषा के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस माना जाता था।
- विशेषताएँ और घटक:
डीप लर्निंग (DL) तकनीक बड़ी मात्रा में असंरचित डेटा जैसे- टेक्स्ट, चित्र या वीडियो के माध्यम से ऑटोमेटिक लर्निंग को सक्षम बनाती है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता की आदर्श विशेषता इसकी युक्तिसंगत कार्रवाई करने की क्षमता है जिसमें एक विशिष्ट लक्ष्य प्राप्त किया जाता है। मशीन लर्निंग (ML), AI का ही एक प्रकार है।May 26, 2023 - सेंटर फॉर AI सेफ्टी वेबसाइट ने कई आपदाओं की चेतावनी दी है
AI को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है : दुर्भावनापूर्ण लोग AI को बेहद विनाशकारी बना सकते हैं, जिससे अस्तित्व को ही खतरा पैदा हो सकता है, और राजनीतिक अस्थिरता की आशंका भी बढ़ सकती है. - हाल के दिनों में AI का इस्तेमाल बढ़ा है और कहा जा रहा है कि भविष्य में इसके द्वारा उन सभी कार्यों को किया जा सकेगा जो एक इंसान करता है। इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।